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यह कारनामा करने वाली वह देश की पहली महिला पर्वतारोही हैं। भारत सरकार द्वारा 2019 में उनके पर्वतारोहण और साहसिक खेलों में उल्लेखनीय योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
बछेंद्री पाल 24 मई 1954 को उत्तरकाशी के नाकुरी गांव में जन्मी थी। 5 भाई बहिनों में बछेंद्री पाल तीसरे नंबर की हैं। उनके पिता का नाम किशनपाल सिंह और मां का नाम हंसा देवी था। दुनिया की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करना कोई आसान काम नहीं है नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से प्रशिक्षित और अपने सपने और दृढ़ आत्म विश्वास के साथ उन्होंने यह सफलता पायी है।
बछेंद्री पाल ने प्रारंभिक शिक्षा अपने ही गांव के सरकारी स्कूल से हासिल की। अपने पहले ही प्रयास में शिखर तक पहुंच जाना बहुत कठिन कार्य है। इसका मुख्य श्रेय पहाड़ों की अच्छी समझ, शारीरिक एवं मानसिक मजबूती और बेहतरीन प्रशिक्षण है।
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